जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए भीषण आतंकी हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को एक नए निचले स्तर पर ला दिया है। इस हमले में 26 लोगों की जान गई, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक शामिल थे। भारत ने इसे पाकिस्तान प्रायोजित आतंकवाद का एक और जघन्य कृत्य करार देते हुए कड़े कदम उठाए हैं। संचार मंत्रालय ने घोषणा की है कि पाकिस्तान से आने-जाने वाली सभी डाक और पार्सल सेवाएं, हवाई और सतह मार्गों सहित, तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दी गई हैं। इसके साथ ही, व्यापार, समुद्री यातायात, और कूटनीतिक संबंधों पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया है।
पहलगाम हमला: खौफनाक मंजर
22 अप्रैल को दोपहर 2:45 बजे, अनंतनाग जिले की बैसरन घाटी, जिसे ‘मिनी स्विट्जरलैंड’ के नाम से जाना जाता है, में चार से पांच आतंकियों ने सुनियोजित हमला किया। एके-47 और एम4 कार्बाइन राइफलों से लैस आतंकियों ने हिंदू पर्यटकों को निशाना बनाया, उनसे धर्म पूछा और गैर-मुस्लिम पुरुषों को बेरहमी से गोली मार दी। कुछ पीड़ितों के सिर में करीब से गोली मारी गई। 15 मिनट तक चली गोलीबारी में 26 लोग मारे गए, जिनमें भारतीय नौसेना के लेफ्टिनेंट विनय नरवाल, खुफिया ब्यूरो के अधिकारी मनीष रंजन, और एक यूएई पर्यटक शामिल थे। 20 से अधिक लोग घायल हुए, जिन्हें हेलिकॉप्टर और टट्टुओं की मदद से सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया।
राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) की जांच में पता चला कि हमले में दो स्थानीय आतंकी, आसिफ शेख और आदिल थोकर, और दो पाकिस्तानी आतंकी, अबू तल्हा और हाशिम मूसा (पूर्व पैरा कमांडो) शामिल थे। हमले की शुरुआती जिम्मेदारी ‘द रेजिस्टेंस फ्रंट’ (TRF) ने ली, जो लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है, हालांकि बाद में उसने इससे इनकार किया। जांच में ISI के समर्थन का भी संदेह जताया गया है।
भारत की त्वरित और कड़ी प्रतिक्रिया
पहलगाम हमले ने पूरे देश में आक्रोश पैदा किया। भारत सरकार ने तत्काल कई कदम उठाए:
- सुरक्षा उपाय:
- भारतीय सेना और जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दक्षिण कश्मीर के जंगलों में तलाशी अभियान तेज किया। बांदीपोरा में चार आतंकी सहयोगियों को गिरफ्तार किया गया, और उधमपुर व बारामूला में मुठभेड़ में आतंकी ढेर किए गए।
- आतंकियों के घरों को बुलडोजर से ध्वस्त कर दिया गया।
- कश्मीर में 87 में से 48 पर्यटन स्थल बंद किए गए।
- पुलिस ने आतंकियों की जानकारी देने वालों के लिए 20 लाख रुपये के इनाम की घोषणा की।
- कूटनीतिक और आर्थिक प्रतिबंध:
- भारत ने 1960 की सिंधु जल संधि को निलंबित कर दिया।
- पाकिस्तानी नागरिकों के सभी वीजा रद्द किए गए, और अटारी-वाघा सीमा पर एकीकृत चेक पोस्ट बंद कर दी गई।
- पाकिस्तानी सैन्य सलाहकारों को नई दिल्ली से निष्कासित किया गया, और इस्लामाबाद में भारतीय उच्चायोग के कर्मचारियों की संख्या घटाई गई।
- डाक सेवाओं के साथ-साथ, विदेश व्यापार नीति 2023 के तहत पाकिस्तान से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष आयात पर पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। पाकिस्तानी झंडे वाले जहाजों को भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश और भारतीय जहाजों को पाकिस्तानी बंदरगाहों में जाने पर रोक लगाई गई।
- प्रधानमंत्री का संकल्प: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सऊदी अरब का दौरा बीच में छोड़कर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने कहा, “पहलगाम हमला हमारी एकता और संप्रभुता पर हमला है। दोषियों को कड़ी सजा दी जाएगी।”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और बढ़ता तनाव
पाकिस्तान ने भारत के कदमों को ‘उकसावे वाला’ करार दिया। रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने दावा किया कि भारत सैन्य कार्रवाई की योजना बना रहा है, और पाकिस्तानी सेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है। सूचना मंत्री तरार ने स्वतंत्र जांच की मांग की। पाकिस्तान ने भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद कर दिया और व्यापार निलंबित कर दिया। नियंत्रण रेखा पर बिना उकसावे की गोलीबारी की गई, जिसका भारत ने मुंहतोड़ जवाब दिया।
अंतरराष्ट्रीय समुदाय का रुख
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद और महासचिव एंटोनियो गुटेरेश ने हमले की कड़ी निंदा की और दोषियों को न्याय के कटघरे में लाने की मांग की। भारत के कूटनीतिक प्रयासों ने वैश्विक समुदाय का समर्थन हासिल किया है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव के अजय श्रीवास्तव के अनुसार, भारत-पाकिस्तान व्यापार पहले ही न्यूनतम था (अप्रैल 2024-जनवरी 2025 में मात्र 0.42 मिलियन अमेरिकी डॉलर का आयात)। हिमालयन पिंक सॉल्ट जैसे कुछ उत्पादों को छोड़कर, यह प्रतिबंध प्रतीकात्मक है, लेकिन इसका कूटनीतिक महत्व बड़ा है।
सामाजिक आक्रोश और एकजुटता
हमले ने देशभर में गुस्सा और एकजुटता पैदा की। राजस्थान के पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपना जन्मदिन न मनाने का फैसला किया। सिंगर अरिजीत सिंह ने चेन्नई में अपना कॉन्सर्ट रद्द किया। सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में एक महिला की मदद की गुहार और आतंकियों की क्रूरता ने लोगों का दिल दहला दिया।
आतंकी अभी फरार हैं, और दक्षिण कश्मीर में उनकी तलाश जारी है। भारत ने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाया है, और पाकिस्तान के साथ तनाव चरम पर है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह घटना भारत-पाकिस्तान संबंधों को लंबे समय तक प्रभावित करेगी।
पहलगाम हमला भारत की सुरक्षा और एकता पर एक कायराना हमला है। भारत का दृढ़ रुख और वैश्विक समर्थन आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक लड़ाई की ओर इशारा करता है। यह समय देशवासियों के लिए एकजुटता और सतर्कता का है।