ऑपरेशन सिंदूर: भारत का पाकिस्तानी आतंकी ढांचे पर सर्जिकल स्ट्राइक, 9 ठिकाने नष्ट, 70 आतंकी ढेर

नई दिल्ली, 7 मई 2025: भारतीय सशस्त्र बलों ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत मंगलवार देर रात पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में 9 प्रमुख आतंकी ठिकानों पर सटीक और समन्वित हमले किए। यह ऑपरेशन 22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 26 लोग मारे गए थे, जिनमें 12 नागरिक और 14 सुरक्षाकर्मी शामिल थे। रक्षा मंत्रालय ने इसे “मापा हुआ, गैर-उत्तेजक और आतंकवाद-विरोधी” ऑपरेशन करार दिया, जिसका एकमात्र उद्देश्य आतंकी बुनियादी ढांचे को नष्ट करना और सीमा पार आतंकवाद को करारा जवाब देना था।
ऑपरेशन का विवरण: 9 लक्ष्य, सटीक हमले
ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय वायुसेना (IAF), थलसेना और खुफिया एजेंसियों (RAW और IB) ने संयुक्त रूप से काम किया। अत्याधुनिक प्रिसिजन हथियारों, ड्रोन और उपग्रह-निर्देशित मिसाइलों का उपयोग कर सभी 9 लक्ष्यों को पूरी तरह नष्ट कर दिया गया। हमले भारतीय हवाई क्षेत्र से किए गए, जिससे ऑपरेशन की गोपनीयता और सटीकता बनी रही। लक्षित ठिकानों का विवरण इस प्रकार है:
- मुजफ्फराबाद (स्ट्राइक 1 और 2): PoK की राजधानी में लश्कर-ए-तैयबा (LeT) के दो बड़े प्रशिक्षण शिविरों को नष्ट किया गया। ये शिविर 26/11 मुंबई हमलों और हाल के कश्मीर हमलों की साजिश के लिए कुख्यात थे।
- बहावलपुर (स्ट्राइक 3): पंजाब प्रांत में जैश-ए-मोहम्मद (JeM) का मुख्यालय, जहां मसूद अजहर के नेतृत्व में आतंकी प्रशिक्षण और भर्ती होती थी। यह ठिकाना 2019 के पुलवामा हमले का केंद्र था।
- कोटली (स्ट्राइक 4): PoK में हिजबुल मुजाहिदीन और अन्य आतंकी समूहों का प्रशिक्षण शिविर, जो सीमा पार घुसपैठ के लिए इस्तेमाल होता था।
- चक अमरू (स्ट्राइक 5): PoK में एक रणनीतिक आतंकी अड्डा, जहां विस्फोटक और हथियारों का भंडारण होता था।
- गुलपुर (स्ट्राइक 6): PoK में आतंकी कमांड सेंटर, जो कश्मीर में हमलों की योजना बनाता था।
- भीमबर (स्ट्राइक 7): सीमा के पास आतंकी लॉन्च पैड, जिससे घुसपैठिए भारतीय क्षेत्र में प्रवेश करते थे।
- मुरीदके (स्ट्राइक 8): लश्कर-ए-तैयबा का वैश्विक मुख्यालय, जो पंजाब के लाहौर के पास स्थित है। यह ठिकाना 26/11 हमले की साजिश का केंद्र था।
- सियालकोट के पास कैंप (स्ट्राइक 9): एक गुप्त प्रशिक्षण शिविर, जहां विदेशी आतंकियों को प्रशिक्षित किया जाता था।
खुफिया जानकारी और तकनीकी श्रेष्ठता
ऑपरेशन की सफलता का श्रेय रॉ (रिसर्च एंड एनालिसिस विंग), इंटेलिजेंस ब्यूरो (IB), और सैन्य खुफिया इकाइयों की सटीक जानकारी को जाता है। सूत्रों के अनुसार, पिछले छह महीनों से इन ठिकानों की निगरानी की जा रही थी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के उपग्रहों और ड्रोन-आधारित निगरानी ने रीयल-टाइम डेटा प्रदान किया।
हमलों में भारतीय वायुसेना के मिराज-2000 फाइटर जेट, सुखोई-30 MKI, और स्वदेशी तेजस जेट शामिल थे, जिन्होंने लेजर-निर्देशित बम और हवा से जमीन पर मार करने वाली मिसाइलों (जैसे ब्रह्मोस और स्पाइस-2000) का इस्तेमाल किया। ड्रोन जैसे हेरॉन और स्वदेशी Rustom-II ने निगरानी और लक्ष्य चिह्नित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
नुकसान का आकलन: 70 आतंकी ढेर
स्वतंत्र रक्षा विश्लेषण नेटवर्क (IADN) के अनुसार, ऑपरेशन में अब तक 70 आतंकवादी मारे गए हैं, जिनमें लश्कर, जैश और हिजबुल के कई वरिष्ठ कमांडर शामिल हैं। लगभग 60 अन्य आतंकी घायल हुए हैं। हमलों में आतंकी शिविरों, हथियार डिपो, और कमांड सेंटर पूरी तरह नष्ट हो गए। भारतीय पक्ष से कोई नुकसान नहीं हुआ, जो ऑपरेशन की सटीकता और योजना को दर्शाता है।
प्रधानमंत्री मोदी की भूमिका
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई दिल्ली में युद्ध कक्ष से ऑपरेशन की रीयल-टाइम निगरानी की। राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, गृह मंत्री अमित शाह, और तीनों सेना प्रमुखों (थलसेना, नौसेना, वायुसेना) के साथ लगातार बैठकें कीं। पीएम मोदी ने ऑपरेशन को “न्याय का प्रतीक” बताया और कहा, “भारत आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति पर अडिग है।”
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने ट्वीट किया: “ऑपरेशन सिंदूर भारत की संप्रभुता और सुरक्षा के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है। भारतीय सेना को सलाम। भारत माता की जय!”
पाकिस्तान की प्रतिक्रिया और तनाव
पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल अहमद शरीफ चौधरी ने हमलों की पुष्टि की, लेकिन दावा किया कि भारत ने “नागरिक क्षेत्रों” पर हमला किया। उन्होंने इसे “कायराना और उकसावे वाला” कृत्य बताया और जवाबी कार्रवाई की धमकी दी। हालांकि, भारतीय रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि हमले केवल आतंकी ठिकानों पर केंद्रित थे और पाकिस्तानी सैन्य सुविधाओं को निशाना नहीं बनाया गया।
पाकिस्तानी मीडिया ने दावा किया कि हमलों में कुछ नागरिक हताहत हुए, लेकिन स्वतंत्र स्रोतों ने इसकी पुष्टि नहीं की। इस्लामाबाद में आपातकालीन कैबिनेट बैठक बुलाई गई, और पाकिस्तानी वायुसेना को हाई अलर्ट पर रखा गया है।
अंतरराष्ट्रीय प्रतिक्रिया
- संयुक्त राज्य अमेरिका: राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने ट्वीट किया, “भारत-पाकिस्तान तनाव शर्मनाक है। दोनों देशों को शांति और बातचीत का रास्ता अपनाना चाहिए।”
- संयुक्त राष्ट्र: महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने दोनों देशों से “अधिकतम सैन्य संयम” बरतने की अपील की और मध्यस्थता की पेशकश की।
- चीन: चीन ने “क्षेत्रीय स्थिरता” पर चिंता जताई और दोनों पक्षों से संयम बरतने को कहा।
- रूस: रूस ने भारत के आतंकवाद-विरोधी रुख का समर्थन किया, लेकिन तनाव कम करने की सलाह दी।
ऑपरेशन का महत्व
ऑपरेशन सिंदूर को 2016 के उरी सर्जिकल स्ट्राइक और 2019 के बालाकोट हवाई हमले के बाद भारत का सबसे बड़ा आतंकवाद-विरोधी अभियान माना जा रहा है। यह ऑपरेशन न केवल अपनी सटीकता और पैमाने के लिए उल्लेखनीय है, बल्कि भारत की बढ़ती सैन्य और तकनीकी क्षमता को भी दर्शाता है। रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि यह भारत की “प्री-एम्प्टिव स्ट्राइक” नीति का हिस्सा है, जो आतंकी खतरों को तुरंत और निर्णायक रूप से खत्म करने पर केंद्रित है।
रक्षा मंत्रालय ने आज शाम 6 बजे ऑपरेशन सिंदूर पर विस्तृत प्रेस ब्रीफिंग की घोषणा की है, जिसमें ऑपरेशन के तकनीकी और रणनीतिक पहलुओं पर प्रकाश डाला जाएगा। भारतीय सेना ने अपने आधिकारिक बयान में कहा, “न्याय हो गया। हमारी सीमाएं सुरक्षित हैं, और हम किसी भी खतरे का मुंहतोड़ जवाब देने को तैयार हैं। जय हिंद!”
भारत ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से आतंकवाद के खिलाफ एकजुट होने की अपील की है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, “भारत ने आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक लड़ाई में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। हम सभी देशों से अपेक्षा करते हैं कि वे आतंकवाद को पनाह देने वालों के खिलाफ कार्रवाई करें।”