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‘एक देश एक धड़कन’ यात्रा निकाली,भारत माता के जयघोषों से गूंजा वातावरण

रामपुर।रजा पुस्तकालय के निदेशक डॉ.पुष्कर मिश्र की अगुवाई में सोमवार की शाम गांधी समाधि से रज़ा पुस्तकालय एवं संग्रहालय प्रांगण तक ‘एक देश एक धड़कन’ यात्रा निकाली गई।रामपुर रज़ा पुस्तकालय के आह्वान पर क्षेत्रवासियों के साथ-साथ आस-पास बरेली, मुरादाबाद, मिलक, संमल, बिलासपुर इत्यादि क्षेत्रों के भिन्न-भिन्न भाषा, मज़हब, जाति, वर्ग, पंथ के प्रवुद्ध नागरिक सांय 5 बजे गांधी समाधि पर एकत्रित हुए। यात्रा आरम्भ होने से पहले ही प्रवुद्ध नागरिकों के साथ-साथ विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्रायें, विभिन्न राजनैतिक दलों के नेता भी ‘एक देश एक धड़कन’ यात्रा में पूरे उत्साह से सम्मिलित हुए। यात्रा आरम्भ होने से पहले ही सभी के हाथों में तिरंगा लहरा रहा था और भारत माता की जय के नारों से पूरा गांधी समाधि परिसर गूंज रहा था।यात्रा को पुस्तकालय के निदेशक डॉ० पुष्कर मिश्र द्वारा भारत माता की जयघोष के साथ प्रारम्भकिया गया।यात्रा प्रारम्भ होते ही सबसे आगे बच्चों और छात्र-छात्राओं ने तिरंगा हाथ में लेकर नारे लगाने शुरू कर दिये, यात्रा का पूरा माहौल देशभक्ति के भाव में आ गया।यात्रा गांधी समाधि से जैसे-जैसे आगे बड़ी वैसे-वैसे जनसैलाब बहने लगा। यात्रा की सुरक्षा में सी.आई.एस.एफ. के जवान और भीड़ नियन्त्रित करने के लिए लोकल पुलिस तत्पर रही।निदेशक डॉ० पुष्कर मिश्र का भिन्न-भिन्न स्थानों पर स्वागत किया गया।सबसे पहले स्टेट बैंक के मुख्य प्रबंधक के साथ सभी अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने पुष्पवर्षा कर यात्रा का स्वागत किया। इसके बाद सभी यात्रा में सम्मिलित हो गए।यात्रा भारत माता के जयघोष के साथ आगे बढ़ती रही कुछ दूरी तय करने के पश्चात यात्रा को रामपुर के अग्रवाल स्वीट्स एवं व्यापारीगणों के साथ पुष्पवर्षा कर स्वागत किया गया। इसी तरह मिस्टन गंज चौराहे पर श्री मनु साई जी के द्वारा फूलों की माला पहनाकर निदेशक डा० पुष्कर मिश्र जी का स्वागत किया गया। यात्रा के आगे बढ़ते ही सर्राफा बाज़ार के व्यापारियों ने ‘एक देश एक धड़कन” यात्रा पर पुष्पवर्षा एवं भारत माता की जयघोष के साथ स्वागत किया। किले के गेट पर सभासद श्री सुमित जी ने भी अपने साथियों के साथ हाथों में तिरंगा ले स्वागत किया और यात्रा मे सम्मिलित हो गए।इसी तरह शहर के गणमान्य एवं वरिष्ठ नागरिक रमेश जैन द्वारा नारियल की विशेष माला पहनाकर निदेशक डा० पुष्कर मिश्र जी का स्वागत किया गया।यात्रा रामपुर रज़ा पुस्तकालय प्रागंण में पूर्ण होने पर निदेशक डॉ० पुष्कर मिश्र ने सहयात्रीयों को सम्बोधित करते हुये कहा बिना किसी मज़हब, भाषा, जाति व वर्ग भेद के पहलगाम में मज़हब पूछकर गोली मारने वालों को उनके बिलों में दफन करने वाली भारतीय सेना के पराक्रम को हम नमन करते हैं।सम्पूर्ण पृथ्वी पर मज़हबी आतंकवाद एक गहरे संकट के रूप में उभरा है। लगभग 60 देश इसकी विभिषिका को झेल रहे हैं।वह सोच जो मजहबी आतंकवाद को जन्म देती है के समूल नाश से ही आने वाली पीढीयों को सुरक्षित भविष्य मिल सकता है।पृथ्वी के प्रत्येक मनुष्य का यह राजधर्म है कि वह मजहबी आतंकवाद के विरुद्ध एक निर्णायक युद्ध लड़े। विश्व के राष्ट्राध्यक्षों का नैतिक दायित्व है कि वे सम्पूर्ण मानवता को मज़हबी आतंकवाद से सुरक्षा प्रदान करें।यह विडम्बना है कि प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में अकेला भारत युद्ध लड़ रहा है। कई राष्ट्राध्यक्ष तो मज़हबी आतंक का परोक्ष समर्थन कर रहे हैं।अन्तर्राष्ट्रीय वित्तीय संस्थान तो मज़हबी आतंक को वित्तपोषित कर रहे हैं। जो भी हो हम मज़हबी आतंक के आगे झुकेंगे नहीं।लड़ेंगे और उसका समूल नाश कर देंगे।मज़हबी आतंकवाद की सोच से निपटने की विश्व दृष्टि हमें रामपुर रज़ा पुस्तकालय देती है।इसके भवन की मीनारों के चार भागों में मस्जिद,गिरिजाघर, गुरूद्वारा एवं मन्दिर है।यह बहुभाषायी बहुसांस्कृतिक विश्वदृष्टि भी मानस से निर्मित है ही मानस से नहीं। सबको स्वीकार करना और समन्वय ही हमारे बच्चों को सुखी, समृद्ध और शान्तिपूर्ण जीवन दे सकता है वरना खून के प्यासे मज़हबी आतंकी हम सबके जीवन को नर्क बना देंगे।अधर्म, अनीति, अन्याय, असत्य, अमर्यादा व अनाचार का सहना प्रतिरोध न करना उसको और सबल बनाना है।आईये हम आने वाली पीढ़ीयों के लिए: अपने बच्चों परिवारों की सुरक्षा के लिएः सुखी, समृद्ध, शांतिपूर्ण जीवन के लिए; आपसी प्रेम और समन्वय के लिए मजहबी आतंक के समूल नाश का; सबकी सत्यता को स्वीकार करने का; सबका हित करने का संकल्प लें; प्रतिज्ञा करें।

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